अजय दौड़कर बंगले के अंदर गार्डन में पहुंचता है, वहां पर वकील साहब चाय की चुस्कियां ले रहे थे। अजय चिल्लाकर बोलता है "बड़े पापा.........!!!' वकील साहब मुडकर अजय की ओर देखते है। "अपनी चाय टेबल पर रख दीजिए, बड़े पापा!" "क्यों? क्या हुआ भाई?" ऐसा कहकर वकील साहब चाय का कप टेबल पर रखते हैं और खुद कुर्सी से उठते हैं, तभी अचानक वो गिर पडते हैं। अजय दौड़कर उनके पास जाता है और उनको संभालता है। "बड़े पापा! क्या हुआ?" वकील साहब की सांसे तेज हो जाती है। वो कुछ बोलने की कोशिश करते है लेकिन बोल नहीं