अनैतिक - २८

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नहीं कशिश हम ये नहीं कर सकते, तुम किसीकी पत्नी हो.. उसने कहा, क्या तुम जानते हो? केतन ने मुझे आज तक हात भी नहीं लगाया, वो तो बस मारने के लिए मेरे रूम में आता है, और वो जब भी मेरे करीब आया, मैं हमेशा भाग कर आंटी के रूम में चली जाती.. पर इसका ये मतलब तो नहीं की हम कुछ गलत कर बैठे ...मैंने उसे समझाया पर वो समझना नहीं चाहती थी ... उसने कहा," उस दिन जो मैंने कहा उसके लिए सॉरी, पर मेरे वजह से किसी को परेशानी में नहीं डालना चाहती थी, मै जानती