अनैतिक - २१

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हम हॉस्पिटल से निकले, अब कशिश को मैंने पीछे बिठा दिया था और मै अंकल के पास सामने वाले सीट पर बैठा था, मै बार बार कशिश को देख रहा था शायद उसे नींद का इंजेक्शन दिया गया था।। वो नींद में जा रही थी, तभी मेरा ध्यान अंकल पर गया, उनके आँख में पानी था...मै समझ गया था की उन्हें कितनी शर्मिंदगी हो रही होगी अपने बेटे के वजह से, पर उसमे उनकी तो कोई गलती नहीं थी, हर बार बच्चो की गलतियों का दोष हम माँ बाप को नहीं दे सकते. हर माँ बाप अपने