दुख भरे दिन बीते रे भइया

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दुख भरे दिन बीते रे भइया आँखों में आँसू और हाथ में अखबार लिए अचिंत कौर काफी देर तक यूं ही खङी रही । अखबार में अचिंत कौर के बारहवीं बोर्ड में मैरिट में तीसरा स्थान पाने और जिले में पहले स्थान पर रहने के साथ साथ आगे की पढाई के लिए सरकार द्वारा पूरा खर्च उठाने का समाचार प्रमुखता से छापा गया था । काश ! यह समाचार पिछले साल छपता और पापा इस समाचार को पढ रहे होते तो कितना अच्छा होता । इस समय वे हर आने जाने वाले का मुँह मीठा करा रहे होते