चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 47

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चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 47 दस बरस के बाद मैं इस बात को ले कर भावुक था कि लंदन में मेरा स्वागत कैसा होगा। काश, मैं बिना किसी टीम-टाम के चुपचाप लंदन पहुंच पाता। लेकिन मैं सिटी लाइट्स के प्रीमियर में शामिल होने के लिए आया था और इसका मतलब था पिक्चर के लिए प्रचार। अलबत्ता, अपने स्वागत के लिए जुट आयी भीड़ के आकार को देख कर मैं निराश भी नहीं हुआ। इस बार मैं कार्लटन में ठहरा। कारण ये था कि ये रिट्ज की तुलना में लंदन का पुराना लैंडमार्क था और इसके ज़रिये लंदन