परिक्रमा का पहला पड़ाव देरापुक देरापुक में जहाँ हमारी डॉरमेट्री थी... उसके ठीक सामने कैलाश का साउथ फेस था । हम उस डॉरमेट्री में 2 दिन के लिए रुके थे । वहाँ तकरीबन 6 कमरे थे और हर कमरे में लगभग 4-5 पलंग डले हुए थे । उन पलंगों पर मोटी-मोटी गद्दियाँ और डबल रजाइयाँ रखी हुई थीं। इसके अलावा और कोई भी मूलभूत सुविधा वहाँ नहीं थी । मतलन न तो वहाँ बाथरूम थे और न ही टॉयलेट्स । वहाँ पहुँचते ही अचानक जाने क्या हुआ कि मेरा सर बहुत दर्द होने लगा। यूं लगा जैसे किसी ने 5