चौथा पड़ाव सागा अब शुरू हुआ कठिन सफर । समुद्र तल से ऊंचाई क्रमशः बढ़ती जा रही थी और ऑक्सीजन कम होती जा रही थी इसलिए हमें हर रोज एक शहर में एक रात काटना जरूरी था ताकि हमारा शरीर उस क्लाइमेट से अक्लाइमेट हो जाए और हमें तकलीफ कम हो । हम में से किसी ने अपने हाथ में कपूर बांध रखे थे तो किसी ने गले में लटकाए हुए थे । जहाँ भी सांस लेने में तकलीफ होती वहाँ हम झट से कपूर सूंघ लेते । और हाँ, एल्टीट्यूड सिकनेस मतलब ऊंचाई पर होने वाली परेशानी से बचने