उर्वशी और पुरुरवा एक प्रेम-कथा भाग 6 उर्वशी देवराज इंद्र के दरबार में नृत्य कर रही थी। परंतु देवराज को यह अनुभव हो रहा था कि जैसे आज उसके नृत्य में वह उत्साह वह स्फूर्ति नहीं है। उन्हें लगा जैसे कि वह दरबार में उपस्थित नृत्य तो कर रही है किंतु उसका मन