गांव में ज्येष्ठ के मौसम में कहां कभी बारिश होती है? वहां तो आषाढ़ और सावन में रिमझिम की फुहारें पड़ती हैं। हम, जब से उत्तर भारत से, यहां पश्चिमी भारत में आए हैं, तो जून से ही बरखा की बहार देखने को मिलती है। चारों तरफ, बरसात में नहाए पेड़-पौधे, मौसम की छटा को और बढ़ा देते हैं। मेरे घर के आंगन में एक बड़ा सा बगीचा है, जिसमें बहुत सारे पेड़-पौधे बड़ी शान से रहते हैं। एक तरफ जहां सफेदा, बांस, नीलगिरी, नीम, एरिका पाम हैं, तो दूसरी तरफ