भगवान का घर

  • 4.9k
  • 966

वैकुंठ लोक में भगवान श्री राम कुछ चिंतित मुद्रा में चहलकदमी कर रहे हैं । बगल में ही खड़े भ्राता लक्ष्मण व माता सीता उनसे कई बार उनकी चिंता का कारण पूछ चुके हैं लेकिन भगवान श्री राम उनकी तरफ कोई विशेष ध्यान दिए बिना सिर झुकाए चिंता में डूबे बस चहलकदमी किये जा रहे हैं । उनकी सेवा को तत्पर बैठे श्री हनुमानजी भी कई बार उनसे चिंतित होने का कारण पूछ चुके हैं लेकिन भगवान बिना कुछ कहे बस अपने ख्यालों में ही गुम हैं । इतने में कक्ष के बाहर से एक सेवक की आवाज आई ," प्रभु