सारा गांव स्कूल की ओर बढ़ रहा है। आज पंद्रह अगस्त है, स्कूल में झण्डा फहराया जाएगा। शहीदों से प्रेम नहीं है गांव को, पर क्योंकि कुछ भी हो रहा है, इसलिए सारा गांव जा रहा है। समय बहुत होता है, करने के लिए कुछ होता नहीं, कहां व्यतीत करें लोग? इसलिए मदारी के खेल से लेकर स्वतंत्रता दिवस तक में लोग बड़े जोशो - खरोश से भाग लेते हैं। फिर ऐसे ही दिन के लिए तो करीम का धुला कुर्ता- पायजामा काम आता है, रोजमर्रा में तो सायकिलों का पंचर निकालते निकालते कपड़े भी हाथ - पैरों की तरह