अन्नदा पाटनी अचानक पता लगा कि पिताजी को कैंसर है तो सावेरी की तो जैसे जान ही निकल गई । कैसे क्या होगा ? मां हैं नहीं और परिवार में भी कोई और नहीं है जो उनकी देखभाल कर सके । एक भाई है पर वह परिवार सहित विदेश में है । बाबूजी दिल्ली से टस से मस नहीं होने वाले । जब माँ का देहांत हुआ तो उन्हें कितना समझाया बच्चों के साथ रहने के लिए पर नहीं माने । सावेरी ने तब उनके लिए सब सुविधाएँ जुटाईं ताकि उनका रोज का काम सुचारू रूप से चल सके और