भजन लाल मरने के बाद स्वर्ग पहुँचा, परमेश्वर के साथ उसकी अपॉइन्मेंट होने ही वाली थी कि दफ्तर के बाहर बैठी रेसेप्निस्ट अप्सरा ने उसे वेटिंग रूम में इंतज़ार करने को कहा। अचानक कुर्सी पर बैठे दुर्जन सिंह पर उसकि नज़र पड़ी जो वहां बैठकर सोमरस का मज़ा ले रहा था।"ये झोपड़ी वाला तो जरूर ही नरक मैं जाएगा। इसने न तो कभी पूजापाठ किया और न ही कभी किसी तरह का दानपुण्य किया। जिंदगी भर पैसे के पीछे भागता रहा और भोग विलास में लगा रहा। आज इसका हिसाब होगा, हाहाहा! नरक की भट्टी में जलेगा ये।" भजन लाल