बी एस सी पास करने के बाद उसने एक मेडिकल कंपनी में एम "आर की नौकरी कर ली।"और अब मैं एम आर के रूप में आपके सामने हू।"उसने माया के सामने अपने अतीत के पन्ने खोल कर रख दिये।"सचमुच तुम मेहनती हो ।निशा तुम्हारी बहुत तारीफ करती है"।उसका अतीत जानकर माया बोली थी।"आज आपसे मुलाकात हो गई।""मैं सोचती थी।मैं अकेली औरत कैसे निशा के लिए लड़का ढूंढूंगी।लेकिन भगवान बहुत दयालु है।मुझे लड़का ढूंढने के लिए जरा भी भागदौड़ नहीं करनी पड़ी।मुझे निशा के योग लड़का घर बैठे ही मिल गया।""मैं भी कम भाग्यशाली नही हूँ।निशा जैसी सुशील सूंदर लड़की मुझे