मानस के राम (रामकथा) - 56 - अंतिम

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‌ मानस के राम भाग 56 (अंतिम)हनुमान का ब्राह्मण रूप में भरत के पास जानापुष्पक विमान से सभी लोग भारद्वाज मुनि के आश्रम में पहुँच गए। राम ने हनुमान से कहा,"पवनपुत्र हम भारद्वाज मुनि के आश्रम में जाएंगे। उसके बाद मैं अपने मित्र निषादराज गुह से भेंट करूँगा। सीता को वहाँ मांँ गंगा की पूजा करनी है। तुम यहांँ से सीधे नंदीग्राम जाकर भरत से मिलो। परंतु सीधे जाकर उसे मेरी वापसी का समाचार मत बताना। तुम ब्राह्मण