13 कुशल प्रशासक सम्राट जरासंध से सीख पुष्पक अपनी पत्नी को समाचार सुना रहा था कि उसने गत दिनों बड़ा अजीब घटना क्रम समीप से देखा । वह वर्णन करने लगा और उसकी पत्नी ध्यान से सुनने लगी । .......जब राजा पौण्ड्र (करूश) कुमायु की गद्दी पर बैठा। उसने निषादराज एकलव्य के गदा संचालन के साथ उनके अट्ठासी हजार वीर योद्धाओं के बारे में सुन रखा था। वह श्रीकृष्ण से द्वेश भावना रखने लगा। पौण्ड्र को पता चल गया कि हमारे निषादराज, अर्जुन की श्रीकृष्ण से घनिष्ठ मैत्री के कारण उनसे द्वेषभाव रखते हैं। इसलिये वह निषादराज एकलव्य से मिला।