बेनाम शायरी - 6

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"बेनाम शायरी"?? ?? ?? ?? ?? ??सुबह को शाम और शाम को रात लिख देता है।वो खुदा जिंदगी को बेवफाओं नाम लिख देता है।।?? ?? ?? ?? ?? ??खुशनुमा चहेरे अक्सर खामोश रहते है।दर्द के कारनामें को गुमशुदा ही सहते है।।?? ?? ?? ?? ?? ??नजाकत कुछ इस कदर रखते है वो अपनी आंखो पे।झुकाकर अपनी पलके हमारी सांसे छीन ले जाते है।।?? ?? ?? ?? ?? ??उनकी नशीली आंखो से शाही रूआब झलकता है।फिर सामने खड़ा हर शख्स पानी पानी सा लगता है।।?? ?? ?? ?? ?? ??कुछ इस कदर आपके