शेर के साथ स्कूल तक

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किसी भी काम को सही ढंग से नहीं करता था चिंटू. बहुत ही शरारती था.ऐसा एक भी दिन न होता, जब चिंटू के कारण उसकी मां को दो चार शिकायतें न सुनती पड़ती. स्कूल गांव से दूर था. फिर भी सारे बच्चे पैदल ही स्कूल जाते थे और वक्त पर स्कूल पहुंचते थे. लेकिन चिंटू की बात दूसरी थी. पैदल स्कूल जाना उसकी शान के खिलाफ था.शहर जाती बैलगाड़ी दिखती तो उस पर बैठ जाता. परमू कुम्हार का गधा कहीं चरता दिखाई देता तो उसे हांक कर सवारी करता-करता वह स्कूल पहुंचता.कभी-कभी घंटों तक सड़क पर खड़ा होकर चिंटू स्कूल की तरफ