३०. प्रयास… और दूरियां उर्मिला जी की अवहेलना और कटुता के बावजूद भी आरिणी समझती थी कि आरव की बेहतरी के लिए घर का वातावरण खुशनुमा रखना आवश्यक है, इसलिए अब बेवजह भी मुस्कुरा देती थी. आरव की मेडिसिन्स का भी ख्याल खुद ही रखती. आज से उन दोनों ने कैंट के कस्तूरबा पार्क में मॉर्निंग वाक के लिए जाना भी आरंभ कर दिया था. उनके घर से डेढ़ किलोमीटर पर था वह खूबसूरत पार्क. वे दोनों जॉगिंग करते, सेंट्रल फाउंटेन की फुहारों की कणिकाओं में झूमते, और खिलखिलाते, आसपास के लोगों से बेपरवाह. विवाह के सपने सब देखते हैं,