जैसे की आप सब जानते हैं की त्रेतया युग में राम और सीता की गाथा को रामायण रूपरेख् देके बर्णना किया गया था । सीफ् राम और सीता नहीं, उनके साथ जो भी महजुद् थे उस् बक्त हम सबके बारे में पुराणों में पढतें हैं । मगर आज में उसी रामायण के कुछ अशं को लेकर कलीयुग के आड् में कुछ नया दिखाना चाहती हुं । कथा वही रहेगी पर अन्दाज् कुछ नयी होगी । हर बात की नयी उमीदे नयी सोच जाग गयी है । इसलिए में सोची की क्युं ना हम कुछ