यादों के साये में....

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अपनी शादी की एल्बम में फ़ोटो देखते हुए दिव्या ने अपने पति की फोटोफ्रेम को हाथ मे उठाया और बोली, "सूनो..!याद है तुम्हे अपनी वो पहली मुलाकात जब तुम मुझे देखने मेरे घर आये थे..!!तुम्हे अंदाज़ा भी नही होगा कितनी तेज़ बढ़ी हुई थी मेरी धड़कने...!" "वो पहली छुअन का अहसास जब तुमने सगाई की अंगूठी पहनाने के लिए मेरा हाथ थामा था।पूरे शरीर मे सिहरन सी दौड़ गयी थी मेरे..!" "जब तुम बारात लेकर आये मेरे घर....जैसे-जैसे बारात घर के नज़दीक आ रही थी मेरी धड़कने बेतहाशा भागे जा रही थी।मेरी बहने, भाभियाँ, सहेलियां सब मुझे छेड़ने लगी हुई