कोड़ियाँ - कंचे - 10 - अंतिम भाग

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Part- 10 अन्दर बहुत सारी महिलाएं घूँघट निकाले बैठी थीं, गायत्री जी थोड़ी चकित हुई, पराग ने आगे बढ़कर ‘मम्मी’ कहा और उनको लेकर गायत्री जी के साथ अलग कमरे में ले आया. गौरी ने घूँघट हटाया तो गौरी की सुन्दरता पर मोहित हुए बिना नहीं रह सकी..उनसे नमस्ते करते हुए उसकी आँखों में आँसू बस छलकने की तैयारी में थे कि गायत्री ने उन्हें पोंछते हुए गले लगाया और जो कुछ भी हुआ उसके प्रति अफसोस जताया. विधि के विधान के आगे किसी की नहीं चलती. आप हिम्मत रखिए. हम जल्दी से जल्दी प्रोफेसर सा. के पेपर्स तैयार करवा