सपनों का राजकुमार - 10 - अंतिम भाग

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भाग 10 रत्ना शाम को चार बजे थाने आने वाली थी। रत्ना के घर वाले तीन बजे ही पहुंच गए थे। सभी दीनता की प्रतिमूर्ति नजर आ रहे थे। आज रत्ना को गए सातवां दिन था। इन सात दिनों में ही उसके मम्मी- पापा बुढ़े दिखने लगे थे। मम्मी की रो- रो कर सूजी खाली- खाली आंखें किसी का भी दिल पिघला देने में सक्षम थीं। स्मार्ट सुदर्शन युवक शलभ को देखकर लग रहा था उसे किसी ने निचोड़ दिया हो। उसकी आंखों में दुख था अथाह दुख, पूरे चेहरे से चमक गायब थी। अमन गुस्से में था। उसे सबसे