"अरे आप तो भीग गई।" सलवार कुर्ता भीगकर उसके गोरे बदन से चिपक गया था।भीगे कपड़ो में उसके शरीर के उभार साफ नजर आ रहे थे।"बरसात से अपने को बचाने की कोशिश तो बहुत की लेकिन"बैठ जाइए"वह युवती स्टूल पर बैठ गई।जयराम चाय लेकर लौट आया था।वह दो कप मेज पर रख गया।मैं एक कप उसकी तरफ बढ़ाते हुये बोला,"गरमा गरम चाय पीजिये।""आप पीजिये।""मैं भी पिऊंगा।"उसने चाय का कप उठा लिया।मैं भी चाय पीने लगा।चाय पीते हुए मैं अपने सामने बैठी युवती को निहार रहा था।वह मझले कद की सुंदर युवती थी।चाय पीकर उसने रसीद और पैसे दिए थे।जयराम ने