"सर् यह जमा कर लीजिए।,आवाज सुनकर मैने किताब से नज़रे उठाकर देखा था।मेरे सामने आकर्षक व्यक्तित्व का युवक सूटकेस लेकर खड़ा था।"लॉक है?"मैं किताब मेज पर रखते हुए बोला"लॉक है।"वह बोला,"वेसे इसमें सिर्फ कपड़े है।""इसके अंदर क्या है।यह हम नही देखते।रेलवे के नियम के अनुसार क्लॉकरूम में ताला लगा सामान ही जमा होता है।"मैं रसीद की किताब खोलते हुए बोला,"आपका नाम?"निशांत उसने अपना नाम,पता और फोन नंबर बताया था।मैने रसीद बुक से दो प्रतिया फाड़ी।एक प्रति निशान्त को और दूसरी जयराम को पकड़ाई थी।जयराम ने प्रति को सूटकेस पर चिपकाकर उसे अंदर रख दिया था।रसीद जेब मे रखते हुए निशान्त