राहुल ने मुस्कुराते हुए टीपू के गालों को प्यार से थपथपाते हुए जवाब दिया ” तुमने सही सवाल किया है टीपू ! हम बेहोश होंगे तो तब न जब हम यह दवाई मिला हुआ पानी पियेंगे । लेकिन मेरी योजना है कि हमें यह दवाई पीनी ही न पड़े और उसके लिए हमें अभी से इसका इंतजाम करना होगा । ” कहते हुए राहुल ने वह शीशी अपने हाथों में उठा ली । इत्मिनान से उसका ढक्कन खोला । शीशी में भरी हुयी पूरी दवाई राहुल ने एक कोने में ले जाकर जमीन पर उंडेल दिया । पूरी शीशी खाली