राहुल को घर छोड़ कर भागे हुए आज पांचवां दिन था । विनोद अपने बाबूजी के साथ आज फिर पुलिस चौकी आ पहुंचा था ।पिछले चार दिनों से दोनों लगातार किसी अपराधी की तरह से पुलिस चौकी पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए विवश थे । रोज आते और कुछ समय के इंतजार के बाद हवलदार के दो सांत्वना के शब्द सुनकर और ‘ राहुल को हम जल्द ही ढूंढ निकालेंगे‘ जैसा आसान सा आश्वासन पाकर दोनों वापस अपने घर चले जाते । घर पर कुछ नए समाचार की उम्मीद में कल्पना और उसकी सास ईश्वर से गुहार