राहुल जमीन पर पड़े पड़े ही सो गया था । कमोबेश सभी बच्चों की यही हालत थी । रात में ठण्ड की वजह से ठिठुरते रहे थे । नींद पूरी हुई नहीं थी और अब इस कदर गहरी नींद सो गए थे कि उन्हें धूप का भी अहसास नहीं था । सुबह की गुदगुदाती धूप की किरणों के बाद ज़माने की तरह अब धूप ने भी उन मासूम बच्चों को अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया था । सुबह की गुनगुनाती किरणों की जगह जब दुपहर की तेज धूप ने उन मासूम बच्चों की त्वचा को जलाना शुरू कर