रत्नावली रामगोपाल भावुक बीस रामचरित मानस की कथायें जन चर्चा का विषय बन गयीं। कस्बे के लोग इन चर्चाओं में भाग लेने रत्नावली के पास आने लगे। सुबह से शाम तक आने-जाने वालों का ताँता लगा रहता। सुबह शाम मानस का पाठ। मध्यांतर में मानस के प्रसंगों पर चर्चा। भोजन पानी के समय भी लोग यही चर्चा करते रहते। लोगों के घरों में भी यही चर्चा का विषय बन गया था। घर के लोग जब बातें करते तो यही चर्चा और कहीं कोई मेहमान आ गया तो फिर इस चर्चा के अलावा दूसरी कोई बात ही