अध्याय -19 किस तरह मामले सुलझते है, क्षण के ताप और उन्माद में राहे बनती है, इसका अनुमान असंभव ही है । रीनी बतरा साहब के यहां पहुंची, पहले तो बतरा साहब ने उससे मिलने से इनकार कर दिया, और उसके मुंह पर ही दरवाजा बंध कर दिया । पर रीनी दरवाज़े के बाहर खड़ी रही । आख़िरकार बतरा साहब ने उसे अंदर आने को कहा । रीनी ने सारी बातें बतरा साहब को बताकर कहा, "सिर्फ आप ही नंदिनी को इन सब समस्याओं से निकाल सकते हैं । आप