इश्क़ है तुमसे

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इश्क़ है तुमसे....रात काफी हो चुकी थी तकरीबन साढ़े दस बज रहे थे।सुनसान रस्ता था, रास्ते के एक तरफ बड़ी सी नहर थी ।और दूसरी तरफ खाई ।वो नजारा दिन में काफी सुंदर हुआ करता था,लेकिन रात में उतना ही कही भयावह मालूम पड़ता था।बाइक की हैड लाइट को भी आज ही खराब होना था,मैं मन में बड़बड़ाते अपनी बाइक को कोसते हुये धीरे धीरे बढ़ रहा था। मुझे डर भी लग रहा था।वो रास्ता