शिवानी सोने की बहुत कोशिश कर रही थी लेकिन पिछली यादें जिन्हें वह भूलने की कोशिश में इतने सालों से लगी थी मानो आज फिर से जीवित हो उठी थी। शिवानी को आज भी याद है कि किरण जितनी शांत महिला से वह अपने जीवन में पहली बार मिली थी। शिवानी उससे कोई भी बात करती , वह बस "हां हूं " में ही जवाब देती । शिवानी को उसके ऐसे व्यवहार से लगता कि वह बहुत घमंडी है। साथ ही अपने पर भी बहुत गुस्सा आता था कि जब वह बोलना ही नहीं चाहती तो वह क्यों आगे बढ़