गीत मेरी जिंदगी का प्यार है

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के बी एल पांडेय के गीत गीत मेरी जिंदगी का प्यार है आधार है जब बसंती ओढ्नी में पुष्प पंखुरिया विहंसती मंजरी पर झूम कोकिल तान मुकुलों पर थिरकती। सुरभि में हो अंध मतवाला मधुप कुछ खोजता जब भावना बेसुध पवन के पालने में पेंग भरती।। विकल अन्तर के बहुत से पृष्ठ रंग जाते सुनहली लेेखनी से तब, मौन कह उठता यही मेरा सुखद संसार है गीत मेरी जिंदगी का प्यार है आधार है लुट रहा कुंकुम सितारे गय गये आंसू बहाते, हृदय की पहचान पर भूले विहग मातम मनाते। सुरभि वाहक मलय अपनी लिख रहा प्रियतम कहानी