7 -- दिवाली की छुट्टियों में बच्चों ने बहुत आनंद किया | पता ही नहीं चला दिन कब गुज़र गए ? रामनाथ की माँ अब काफ़ी ठीक हो गईं थीं | स्टैला की सेवा व व्यवहार ने उनमें एक नई जान डाल दी थी | घर की बेटी जैसी हो गई थी वह ! बच्चे तो उसके दीवाने हो ही चुके थे |जब रामनाथ जी के परिवार की गाज़ियाबाद लौटने की तैयारी शुरू हुई तभी स्टैला ने भी कहा कि अब दादी जी बिलकुल ठीक हैं, उसे भी लौट जाना चाहिए किन्तु रामनाथ व दयानाथ ने उसे कुछ दिन और