5 --- इस बार सप्ताह के अंत में यानि शनिवार की रात को रामनाथ जी का पूरा परिवार मेरठ पहुँचा | 'बेग़म पुल' से उतरते हुए प्रबोध को एक अजीब सा अहसास हुआ | वह जब से समझदार हुआ था तब से बेग़म पुल को रचता-बसता देख रहा था |बेग़म पुल उसे एक अजीब सी मनोदशा में पहुँचा देता | उसे पार करने के बाद फिर से उसके दिमाग़ में उसकी एक धुंध भरी स्मृति रह जाती | उसके मस्तिष्क के पीछे एक अलग चित्र बन गया था जो उसे समझ में नहीं आ रहा था | मनोविज्ञान के प्रोफ़ेसर