कोरोना - एक प्रेम कहानी - 6

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भाग- 6 गली एकदम सुनसान थी। दूर-दूर तक कोई इंसान नहीं दिखाई पड़ रहा था। दिख रहे थे तो सिर्फ ईट की बुनियाद पर खड़े हुए मकान। सभी लोग अपने- अपने घरों में कैद परिवार वालों के साथ अपनी खुशियाँ बटोरने में लगे हुए थे। लेकिन सड़क पर घूम रहे बेजुबान अपने उदर में लगी भूख की अग्नि को शांत करने के लिए भोजन की खोज में यहाँ -वहाँ भटक रहे थे। कोरोना के लॉक डाउन का यह दिन इन बेजुबानो के लिए किसी त्रासदी से कम नहीं था। गली से थोड़ा बाहर आते ही इन बेजुबान जीवो के अलसाए