भाग - 5 अगली सुबह सूर्य देव परदो की ओट से झांकने लगते है। सूर्य की एक रंगीन किरण परदो के बीच से अपना रास्ता बनाते हुए लिली के मुख पर अपना प्रकाश बिखेरती है। तो लिली को भोर होने का आभास हो जाता है। वह सामने दीवार पर लगी राधा-कृष्ण की छवि को नमस्कार करते हुए बिस्तर से उठ खड़ी होती है और खिड़की की तरफ अपने कदम बढ़ाती है। लिली खिड़की से पर्दों को साइड में करती है और खिड़की से नीचे की तरफ अपनी दृष्टि फेरती है। जहाँ नीचे गली में रोज लोगों की चहलकदमी नजर आती