बालिश्तिया सद्गुण प्रसाद का जाना तय हो चुका था| उसे रोडज़ छात्रवृत्ति मिल गयी थी| ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से उसकी टिकट भी खरीदी जा चुकी थी| पासपोर्ट वीज़ा सब तैयार था| दो दिन बाद उसे देहली से हवाई जहाज़ पकड़ना था| और उस दिन नवमी तथा दसवीं जमात की लड़कियाँ उसे विदाई-पार्टी दे रही थीं- फ़ेयरवेल| पार्टी में हमारी माँ को नहीं बुलाया गया था क्योंकि वह प्राइमरी सेक्शन में तीसरी जमात की टीचर थीं, माँ की सीनियर स्कूल वाली ख़ास दोस्त मिसिज़ ग्रिफ़िन्ज़ को नहीं बुलाया गया था क्योंकि वह भूगोल लेती थीं, सद्गुण प्रसाद की एकमात्र परिचिता