एक किस्सा भी ऐसा था

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ये उन दिनों की बात है जब मै हवाओं से बातें किया करता था। किसी के खयालो में खोया रहता था। उसी के पीछे पागल हुआ करता था। वो होती थी तब भी उससे बातें होती थी और जब वो नही होती थी तब भी उससे बातें होती थी। कुछ कहानी ऐसी भी हुआ करती थी। ये उस दिन की बात है जिस दिन मै उसे मिलने के लिए बैचेन था। क्युकि बहुत दिनों से मिले नही थे। सोचा उसे अचानक मिलकर चौका दूंगा। वो भी सूरत में रहती थी और मै भी सूरत में रहता था। लेकिन वो अपनी इंजीनियरिंग