स्वतंत्र सक्सेना की कहानियाँ - 6

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अरे दौरियो बचाईयो। स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना अरे दौरियो बचाईयो। ओ पनबेसुर।। कक्‍कू का घर गिर गया था दो तीन दिन की घनघोर वर्षा का आज यह परिणाम था । सारे मोहल्‍ले वाले दौड़े कक्‍कू तथा नाईन कक्‍को दोनों बाहर सिर पकड़े बैठे थे। राम किशन सोता रह गया था उसे गम्‍भीर चोट आई थी जल्‍दी ही अस्‍पताल भेजा गया। दो-तीन दिन बाद रहस्‍य खुला यह मकान कक्‍कू के चाचा का था जो रियासत के समय के एक अच्‍छे नाई थे। रईसों की बैठकों में उठक-बैठक थी कहा जाता था कि उन्‍होंने धन घर में गाड़