बंझटू स्वतंत्र कुमार सक्सेना आज नौनी बऊ की बहू आई राम रती। नौनी बऊ के एक पुत्र है श्रीलाल। वे बड़ी चिंतित रहती थीं पर बहू को देख कर बड़ी संतुष्ट थीं। ‘बऊ। तुमाई बहू तो बड़ी नौनी है।‘ सभी बऊ का भाग सिहा रहे थे। बहू ने आकर सब काम सम्हाल लिए, भैंस के लिये खेत से चारा काट कर लाना, कुएं से पानी भरना, रोटी बनाना, सबके कपड़े ले जाकर तालाब पर धोना, घर आंगन बुहारना, ये सब काम वह बड़ी फुरती से करती फिर संझा को बऊ के पैर दबाना यह भी उसकी