एक फूल दो माली (भाग 2)

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लेकिन वह औरत कोई अजनबी नही उसके दोस्त की पत्नी यानी उसकी भाभी थी।लेकिन थी तो औरत।और एक कश्मकश उसके दिलोदिमाग में होने लगी।एक तरफ रेवती की देह को पा लेने की लालसा दूसरी तरफ रिश्ते की झिझक।अगर कही रेवती ने उसे झिड़क दिया तो वह उसकी नज़रो में हमेशा के लिए गिर जाएगा।वासना का ज्वार बड़ा बुरा होता है।कामवासना के आगे नैतिकता,आदर्श सब आदमी भूल जाता है।मोहन भी अपने आप पर काबू नही रख सका और रेवती के बिस्तर पर जा पहुंचा।मोहन को अपने बिस्तर पर देखकर रेवती अजीब धर्म संकट में फस गई।एक तरफ पतिव्रता धर्म था।दूसरी तरफ