एक बुढा खटीया के ऊपर शो रहा है । उसकी बुढी उसका पाऊं दबा रही है । बुढा बोल रहा है, नखु भाई केह रहा था जानुआ उसको फोन किया था । बुढी बुढा के बाते सुनकर खुसीसे बोलपडी सचमें क्या ? नाही आप मजाक कर रहे हैं मेरी साथ । बुढा बोला हाँ में सच बोल रहा हुं । तुझे झूठ क्युं बोलुगीं ? बुढी बोली क्या केह रहे थे नखु भाईसे ? बरषो से गये हैं, आजतक आने को मन नहीं कर रहे हैं । इतने दिनो के बाद हमलोग याद आये उनको ।