हाय छुट्टियाँ बाय बाय छुट्टियाँ

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" गर्मी की छुट्टी और माँ अकेले दिन हैं कमरे में सन्नाटा गूँज रहा हैं। ना पढ़ने में मन लगता है न लिखने में ,एक विरक्ति सी होने लगी है रिश्तों को बदलते देखकर।आआजकल लड़की को मायके में आराम कराया जाता हैं कि अगले घर जाना हैं पता नही कितना काम करना पड़े। मानो जिंदगी कोई मौसम है अभी जो मौसम है उसको एंजॉय करों ।जबकि जिंदगी का हर मौसम तो एक परीक्षा हैं ।कब कैसा समय आ जाये हमको सहज रहना हैं पैनिक नही होना हैं । आजकल हर हिलस्टेशन गर्मी की छुट्टी ही नहीं सर्दियों में भी पर्यटकों से