भेद - 3

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3. “जब शादी होकर आई तो मेरा अधिकतर समय जेठुतियों के काम करने और उनको लाड़-प्यार करने में गुजरता था| महेंद्र भी मेरी शादी के आठ साल बाद हुआ| तब उनकी बड़ी बेटी पंद्रह साल की थी| सारे रिश्तेदार बोलते भी थे। जेठानी के बच्चों को खूब लाड़-प्यार कर....तब तेरी गोद हरी होगी। तेरी बड़ी दादी को मैं जीजी पुकारती थी।..... जीजी तो बेटियां जनने के कारण हमेशा ही शोक में रहती थी। उनको तेरे बड़े दादा का कड़वा बोलना बहुत चोट पहुँचाता था| कभी-कभी तो कई-कई दिन तक कमरे से बाहर ही नही निकलती थी| मैं उनका खाना ले