अजीब दास्तां है ये.. - 4

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(4) बात खत्म करके रेवती ने मुकुल को अपने साथ आने को कहा। वह उसे लेकर कैफ़े के बाहर चली गई। कैफ़े के बगल में एक छोटा सा गेट लगा था। उसे खोल कर रेवती अंदर चली गई। मुकुल को कुछ समझ नहीं आ रहा था। लेकिन चुपचाप उसके पीछे चल रहा था। एक पैसेज पार करके दोनों एक दरवाज़े के सामने आ गए। दरवाज़े पर लगी घंटी बजाने से पहले रेवती ने कहा, अंकल इस वक्त कैफ़े में नहीं हैं। यह उनका घर है। रेवती ने घंटी बजाई। एक बीस बाइस साल के लड़के ने दरवाज़ा खोला। रेवती को