अजीब दास्तां है ये.. - 1

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(1) शारदा हाउसिंग सोसाइटी में आज की सुबह भी वैसी थी जैसे रोज़ होती थी। अखबार वाले, दूध, अंडा और ब्रेड सप्लाई करने वाले सोसाइटी में प्रवेश कर रहे थे। लगभग हर फ्लैट में स्कूल जाने वाले बच्चे जल्दी जल्दी तैयार हो रहे थे। कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को उनकी स्कूल बस में बैठाने के लिए गेट के पास खड़े थे। अनय स्कूल यूनिफॉर्म पहनकर तैयार खड़ा था। उसने घड़ी की तरफ देखा। स्कूल बस का टाइम हो गया था। उसने कहा, जल्दी करिए ऐसा ना हो कि बस मुझे छोड़कर चली जाए। आज मेरा मैथ्स का टेस्ट भी है।