तोड़ के बंधन - 7

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7 “हेल्लो मिताली! कल मैं वापस जा रहा हूँ. जाने से पहले नीतू को तुमसे मिलवाना चाहता हूँ. आज शाम आ रहे हैं हम दोनों.” मयंक का फोन था. सुनते ही मिताली चहक उठी. शाम को लगभग सात बजे मयंक अपनी पत्नी नीतू के साथ हाजिर था. “आइये! आपका... इन्तजार था...” मिताली ने अदा से झुककर कर दरवाजा खोला और मुस्कुरा दी. पीले सलवार-कमीज में मिताली बहुत मासूम लग रही थी. “आप कहें और हम ना आयें... ऐसे तो हालात नहीं...” मयंक ने भी उसी के अंदाज में उसका अभिवादन किया. दोनों हँस पड़े. “नीतू! ये है मिताली. कॉलेज में