Part- 7 बलदेव के मन में एक डर सा घर करने लगा, यदि मैं नहीं रहा तो? और सबके चेहरे घूमने लगे आँख के सामने, गौरी तो बारहवीं पास है, इन दोनों बच्चों की पढ़ाई अभी तो सभी कुछ बाक़ी है, कैसे क्या होगा? सोचकर बलदेव को घबराहट सी होने लगी. पराग बाहर चौक में पढ़ाई का बहाना कर शायद फ़ोन पर अपनी दोस्त अंजना से बात कर रहा था. ऐसे में ‘नन्ही परी’ ही बलदेव के पास आ जाती है, ‘क्यों परेशान होते हो बल्लू, तुम्हारे लिए चिंता करना ठीक नहीं.’ ‘मैं इतनी जल्दी बिना अपने कर्तव्य पूरे किए