कोड़ियाँ - कंचे - 3

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Part-3 प्रोफेसर सा. पुष्प गुच्छ के साथ खड़े थे. अभिवादन के साथ उन्होंने सुन्दर लाल, पीले, गुलाबी रंग के गुलाब से बना पुष्प गुच्छ भेंट किया. एक स्निग्ध सी मुस्कान के साथ गायत्री जी ने उसे स्वीकार किया और एक मोहक नज़र उन गुलाबों पर डाली. वे उन्हें अन्दर ले आए, अन्दर आते ही उनका स्वागत, स्वागत गीत ‘पधारो म्हारे देश’, कलश बंधवाई जैसे पारंपरिक पद्धति के साथ पुष्प वर्षा करते हुए छात्राओं ने किया. मल्लिका (मोगरे/बेला) के सुन्दर पुष्पों का हार भी प्रोफेसर सा. की पत्नी गौरी द्वारा पहनाया गया. प्रोफेसर ने परिचय करवाया, ‘यह मेरी पत्नी गौरी हैं.’